चिंताजनक:8 माह में 328 लोगों ने की अपनी जीवनलीला समाप्त, जानें वजह

लोगों के भीतर लगातार बढ़ रहे अवसाद के चलते आत्महत्या के प्रकरणों में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले कुछ समय में नैनीताल में ही नहीं बल्कि कुमाऊं में खुदखुशी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। कोरोना काल में आत्महत्या की घटनाएं और अधिक बढ़ी हैं। इस वर्ष अबतक मंडल के छह जिलों में 328 लोगों ने अलग-अलग आत्महत्या के तरीकों से मौत को गले लगाया है।


आंकड़ों की यदि बात की जाए तो इस वर्ष 30 से 40 फीसदी तक आत्महत्या के प्रकरणों में बढोतरी हुई है। यूएस नगर में सबसे अधिक और चम्पावत में सबसे कम लोगों ने सुसाइड किया। 


पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय नैनीताल से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक यानि आठ माह में कुमाऊं में 328 लोगों ने आत्महत्या की है। इसमें 211 व्यस्क पुरुष और 83 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा 12 किशोर व 22 किशोरियों ने मौत को गले लगाया है।


कुमाऊं में 196 लोगों ने फांसी लगाकर, 109 ने जहर खाकर, 6 ने नदी-नहर में कूदकर, 2 ने पहाड़ से कूदकर, 2 ने वाहन के आगे आकर, 4 ने आग लगाकर, 2 ने फायर आर्म्स, 61 ने पारिवारिक कलह, एक ने बेरोजगारी, 19 ने प्रेम प्रसंग, 5 ने बीमारी, 3 ने परीक्षा असफलता, 15 ने मानसिक व सामाजिक उत्पीड़न और 5 ने ड्रग के आदी होने पर आत्महत्या की है। परिजन समेत अन्य रिश्तेदारों की तहरीर पर  21 मामलों में केस दर्ज है। 


अभियान भी कारगर साबित नहीं हो रहे



कहां कितने लोगों ने मौत को लगाया गले
जिला                  मृतकों की संख्या

ऊधमसिंह नगर    140
नैनीताल               86
अल्मोड़ा              34
बागेश्वर                24
पिथौरागढ़            31
चम्पावत              13
कुल                   328



लगातार सामने आ रहे आत्महत्या के प्रकरणों में नियंत्रण के लिए पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाए जाने के लिए परिवार व सामाजिक संगठनों की भी अहम भूमिका होती है। 
अजय रौतेला, आईजी कुमाऊं